उत्साह के साथ मनाया गया मकर संक्रांति का पर्व-तिल का लडडू बाँटने से एक दूसरे के प्रति बढ़ता है स्नेह

आरंग।अग्रसेन योगासन शाखा अग्रवाल पारा आरंग द्वारा आज 14 जनवरी दिन मंगलवार को मकर संक्रांति पर्व उत्साह के साथ मनाया गया । कार्यक्रम का प्रारंभ मुख्य वक्ता रविंद्र अग्रवाल द्वारा भारत माता, डॉ. केशव राव बलीराम हेडगेवार , एवं सदाशिव गोलवलकर की छायाचित्र की पूजा अर्चना ,भोग एवं दीप प्रज्वलित कर किया गया। मुख्य वक्ता रविंद्र अग्रवाल द्वारा मकर संक्रांति पर्व पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आज के दिन से भगवान सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण की ओर से उदित होता हैं । देवव्रत अपने पिता राजा शांतनु के खुशी के लिए आजीवन अविवाहित रहूंगा ऐसा व्रत लेता है ,प्रतिज्ञा करता है इसी कारण देवव्रत को भीष्म कहते है ।तब राजा शांतनु अपने पुत्र को वरदान दिया था कि मेरे लिए आपने अपने समस्त सुख का परित्याग किये हो तो मैं आज आपको वरदान देता हूँ कि जब चाहोगे तब आपकी मृत्यु होगी अर्थात इच्छा मृत्यु का वरदान दिया था ।इसी वरदान के कारण भीष्म पितामह मकर संक्रांति के दिन जब सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण में आता है मृत्यु को आलिंगन किया । शंकर पाल ने कहा कि आज के दिन तिल की लडडू खिलाने की परंपरा है ,तिल हमे शक्ति एवं गुड़ मिठास अर्थात तिल का लडडू बाँटने से एक दूसरे के प्रति स्नेह बढ़ता है ।सूरज साहू ने कहा कि आज के दिन तिल डाल कर स्नान करने एवं भगवान सूर्य को ताँबे के लोटे में जल थोड़े गंगाजल ,तिल ,चंदन एवं पुष्प डालकर अर्घ देने से भगवान सूर्यदेव प्रसन्न होकर असंख्य सुख प्रदान करते हैं । अभिताभ अग्रवाल द्वारा सुभाषित एवं अमृत वचन बोला गया । इस अवसर पर बलराम साहू , गोपाल पाल , बृजेश अग्रवाल , ओम गुप्ता , रामकुमार कंसारी उपस्थित थे । कार्यक्रम का संचालन एवं आभार व्यक्त अशोक कुमार ठाकुर द्वारा किया गया ।
विनोद गुप्ता-आरंग


