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आवारा मवेशियों से त्रस्त किसान-सरकारी उदासीनता पर रोष-फसल बचाने खेतों में गाड़े झंडे

आवारा मवेशियों से त्रस्त किसान-सरकारी उदासीनता पर रोष-फसल बचाने खेतों में गाड़े झंडे

आरंग़।आरंग विधानसभा क्षेत्र के किसान आज ऐसी विवशता झेल रहे हैं, जिसकी कल्पना भी कठिन है। मेहनत, पसीना और कर्ज से बोई गई फसलें आवारा मवेशियों की चराई की भेंट चढ़ रही हैं। सरकार द्वारा अब तक न तो गोवंश की समुचित व्यवस्था की गई है और न ही गौठानों के संचालन पर कोई ठोस निर्णय लिया गया है। परिणामस्वरूप गांव-गांव के किसान अपनी फसल की रक्षा के लिए अनोखा उपाय अपनाने विवश हो गए हैं।दिन-रात खेतों में मंडरा रहे आवारा गोवंश से तंग आकर किसानों ने अब खेतों की मेड़ पर भाजपा के झंडे गाड़ना शुरू कर दिया है। किसानों का कहना है कि चौकसी के लिए हर समय खेत पर डटे रहना संभव नहीं, मजदूरी और खेती का काम दोनों बाधित होता है। ऐसे में राजनीतिक झंडे को “सुरक्षा कवच” मानकर वे अपनी मेहनत की फसल को बचाने का प्रयास कर रहे हैं।मंदिरहसौद के किसान दुकालू बंजारे ने मिडिया से चर्चा करते हुए कहा कि हमारा खून-पसीना लगाकर बोया धान एक ही रात में आवारा मवेशी चट कर जाते हैं। न गौठान में व्यवस्था है, न शासन-प्रशासन ध्यान देता है। अब खेत में झंडा गाड़कर ही फसल बचाने का ही सहारा रह गया है।ग्रामीणों का मानना है कि यदि समय रहते सरकार ठोस कदम नहीं उठाती तो आने वाले दिनों में किसानों का हौसला और खेती दोनों चौपट हो जाएंगे।
विनोद गुप्ता-आरंग

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