आरंग के इस साहित्यकार ने रचा इतिहास-अर्ध सममात्रिक छंद साधना से ‘मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड 2025’ में दर्ज हुआ नाम

आरंग। साहित्य साधना में निरंतर उत्कृष्टता प्राप्त कर रहे आरंग नगर के साहित्यकार हरमन कुमार बघेल ने अपनी लेखनी की अनूठी पहचान बनाते हुए मैजिक बुक ऑफ रिकॉर्ड 2025 में स्थान हासिल किया है। शिक्षकीय दायित्वों का निर्वहन करते हुए बघेल ने नवाचारी पद्धति, पठन–पाठन और छंद–मापनी आधारित रचनाओं के माध्यम से यह असाधारण उपलब्धि अर्जित की।बघेल की यह उपलब्धि बिलासा छंद महालय में एक वर्ष की सतत साहित्य साधना का प्रमाण है, जिसमें अर्ध सममात्रिक छंद के तहत देशभर के 129 छंद साधकों ने अपनी-अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। इन्हीं में से बघेल की लेखनी को विशेष स्थान मिला और उनका नाम रिकॉर्ड में दर्ज किया गया।उनकी इस उपलब्धि पर क्षेत्र के साहित्यकारों, शिक्षाविदों और सहकर्मी शिक्षकों ने बघेल को हार्दिक बधाइयाँ प्रेषित की हैं। विद्यालय की प्राचार्य सरोजनी केरकेट्टा तथा व्याख्यातागण एवं शिक्षकगण स्मिता अग्रवाल, दिलीप कुमार राहंगडाले, लखनलाल चंद्राकर, प्रतुल राज नंद, महेश कुमार अग्रवाल, राधेश्याम ध्रुव, कामता प्रसाद वर्मा, प्यारे लाल बेलगहे, दीक्षा सिंह, मधु मालवीय, लोकेश्वरी कश्यप, पद्मनी कुर्रे, सीमा देवांगन, जगदीश कुर्रे ने बघेल के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि उनकी लेखनी निरंतर प्रगति करती रहे।क्षेत्र के साहित्यप्रेमियों, ईष्ट मित्रों और छंद साधकों ने भी इस उपलब्धि पर उन्हें शुभकामनाएँ प्रेषित कीं। बघेल ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सम्मान साहित्य के प्रति समर्पण और समाज से मिले प्रेरणा का परिणाम है।बिलासा छंद महालय के संयोजक गुरुवर डॉ रामनाथ साहू ननकी जी , पटल अध्यक्ष डॉ माधुरी डड़सेना मुदिता,पटल सचिव डॉ ओमकार साहू मृदुल,पटल गुरु दीदी रेणु रत्न मिश्रा एवं पटेल प्रेरकों के आशीष प्राप्त पर बघेल ने धन्यवाद ज्ञापित किये।
विनोद गुप्ता-आरंग



