Blog

आँवला नवमी-आंवला वृक्ष और भगवान लक्ष्मी नारायण जी की पूजा अर्चना कर मनाया गया….

आँवला नवमी-आंवला वृक्ष और भगवान लक्ष्मी नारायण जी की पूजा अर्चना कर मनाया गया….

आरंग।अग्रसेन योगासन शाखा सरस्वती ज्ञान दीप विद्यालय अग्रवाल पारा आरंग द्वारा आज 10 नवम्बर रविवार को आंवला नवमी पर्व मनाया गया । अग्रसेन योगासन शाखा अपने नित्य दिनचर्या आसन ,प्राणायाम ध्यान एवं संघ प्रार्थना के बाद आंवला के वृक्ष की पूजा एवं लक्ष्मी नारायण मंदिर में पूजा आरती कर प्रसाद का वितरण किया गया । अशोक कुमार ठाकुर ने बताया कि आँवला नवमी को अक्षय नवमी भी कहते है ।इसी तिथि पर आंवला के वृक्ष का प्राकट्य हुआ था। इसलिए इसकी पूजा एवं उस वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। कहते है कि किसी नगर में एक सेठ एवं सेठानिन रहती थी , जो नित्य एक आंवले के बराबर सोने का दान करके भोजन ग्रहण करती थी । जिसके कारण उसके घर में धन एवं पुरुषार्थ की कोई कमी नहीं थी । लेकिन उसके घर चार बहुओं के आने के बाद बहुओं द्वारा अपनी सास को दान नही देने की बात कहने पर सेठानिन नाराज हो जाती है। नाराज सेठ एवं सेठानिन जंगल की ओर चले जाते है, रात्रि होने पर एक वृक्ष के नीचे विश्राम करते है और सुबह उठने पर देखते है कि उस वृक्ष पर सोने के आंवले के समान फल लगे थे । स्नान कर सेठानिन उस सोने के समान आंवले को तोड़ कर दान करती है फिर भोजन करती है । धीरे-धीरे सेठ का व्यापार अच्छा चलने लगता है और फिर वह सम्पन्न हो जाता है ।इधर उसके पुत्र एवं बहुएं आपस में लड़ते गरीब हो जाते है । सेठ के पुत्र एवं बहुएं काम की तलाश में संयोग से अपने माता-पिता के पास पहुंच जाते है । अपना परिचय बताने के बाद बहुत दुखी होते है फिर क्षमा मांग कर सभी पुनः अपने नगर लौटते हैं ।और सुख पूर्वक जीवन व्यतीत करते हैं ।कहने का तात्पर्य यह है कि यदि हमारे पास आवश्यकता से अधिक है तो दान देना चाहिए । “प्रगट चारि पद धर्म के ,कलि मह एक प्रधान । येन केन विधि दीन्हें, दान करें कल्याण । ” जिनको आवश्यकता है ऐसे लोगों या जगह पर दान देने से पुण्य दस गुना बढ़ता हैं । इस अवसर पर अनुपनाथ योगी ,रविन्द्रअग्रवाल , बृजेश अग्रवाल , अभिनेष अग्रवाल ,अमिताभ अग्रवाल , ओम गुप्ता , दीपक गुरु गोश्वामी ,बलराम साहू , राकेश साहू , शंकर पाल , गोपाल पाल ,विनय पटेल , मुरारी लोधी , राम कुमार कंसारी आदि उपस्थित थे ।
विनोद गुप्ता-आरंग

Related Articles

Back to top button