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विशेष-07 सितम्बर को चंद्रग्रहण-दोपहर 12:58 बजे से पहले गणपति विसर्जन करना होगा उत्तम..

विशेष-07 सितम्बर को चंद्रग्रहण-दोपहर 12:58 बजे से पहले गणपति विसर्जन करना होगा उत्तम..

आरंग। वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण 7 सितंबर को लगने वाला है।चंद्रग्रहण का सूतक काल 9 घंटे पहले लग जाता है। 07 सितंबर से पितृ पक्ष भी शुरू हो रहा है और इसी दिन चंद्र ग्रहण लगने वाला है।ऐसे में 7 सितंबर को पूर्णिमा का श्राद्ध दोपहर 12:58 मिनट से पहले तक का ही समय श्राद्ध और तर्पण करने के लिए उचित रहेगा।साथ ही गणपति विसर्जन भी दोपहर 12:58 मिनट से पहले करना उत्तम होगा।आचार्य पं.अजीत शर्मा ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि सूतक ग्रहण से पहले 7 सितंबर को दोपहर 12:57 बजे से शुरू होगा। मंदिरों के कपाट भी इस दौरान बंद कर दिए जाएंगे। परंपरा क अनुसार ग्रहण लगने से पहले कपाट बंद कर दिए जाते हैं। चंद्र ग्रहण की शुरुआत रात को 09:58 बजे होगी और यह अपनी चरम स्थिति में रात्रि 11:00 से 12:22 बजे तक रहेगा। चंद्र ग्रहण की समाप्ति 08 सितंबर 2025 को पूर्वाह्न 01:26 बजे होगी।ग्रहण की अवधि: लगभग 82 मिनट होगी।8 सितंबर को सुबह शुद्धि और दूसरे अनुष्ठान के बाद द्वार खोले जाएंगे।शास्त्र अनुसार इस चंद्र ग्रहण का प्रभाव सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में देखने को मिलेगा।चन्द्रमा कुम्भ राशि में बैठकर विष योग का निर्माण करते हुए राहु के साथ युति कर रहा है,जिसके फलस्वरूप बड़ी शक्तियों के टकराव, लोगों के संबंधों में तनाव और मानसिक पीड़ा देखने को मिलेगी। चंद्रग्रहण के दुष्प्रभाव के कारण मानव और जीवों में किसी तरह की संक्रामक बीमारी और साथ ही साथ जल से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं।ग्रहण का भारतीय राजनीति पर भी गहरा प्रभाव देखने को मिलेगा।आगामी चुनावों में यह चंद्रग्रहण सत्ता परिवर्तन का कारण भी बन सकता है।”इस काल मे जनमानस को भगवान के नाम का जप,गुरु मंत्र आदि करने से दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलेगी और आशीष की प्राप्त होगी।”

विनोद गुप्ता-आरंग

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