मिश्रीत मत्स्य पालन प्रशिक्षण हुआ संपन्न, राज्य के अलग- अलग जिलों से 25 प्रशिक्षणार्थी हुए शामिल…

आरंग। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के द्वारा तीन दिवसीय ‘मिश्रित मत्स्य पालन’ विषय पर प्रशिक्षण का समापन हुआ. यह प्रशिक्षण राष्ट्रीय मात्स्यिकी विकास बोर्ड, हैदराबाद द्वारा प्रायोजित किया गया. इस प्रशिक्षण में छत्तीसगढ़ राज्य के अलग- अलग जिलों से कुल 25 प्रशिक्षणर्थियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया.इस प्रशिक्षण के समापन समारोह के मुख्य अतिथि कृष्णा चम्पालाल हिरवानी प्रदेश अध्यक्ष सहकारिता प्रकोष्ठ छ.ग. धीवर समाज महासभा एवं विशिष्ठ अतिथि सुशील जलक्षत्री प्रदेश अध्यक्ष शिक्षा एवं संस्कृतिक प्रकोष्ठ छ.ग. धीवर समाज महासभा एवं मीडिया फेडरेशन ऑफ इण्डिया के छत्तीसगढ़ प्रदेश सचिव पक्की कूर्मा राव के आतिथ्य में संपन्न हुआ ,जिसमे सभी प्रशिक्षणार्थियो को अतिथियों के हांथो प्रमाण पत्र वितरण किया गया। इस दौरान बतौर मुख्य अतिथि पहुचे कृष्णा हिरवानी व सुशील जलक्षत्री के सभी को आगे के लिए शूभकामनाए देते हुए कहा कि मिश्रित मत्स्यपालन से मत्स्य कृषक अपनी आय बढ़ाकर दुगिनी कमाई कर सकते है , मत्स्य पालन से जुड़े कृषक अब आत्मनिर्भर हो रहे है।

सभी अपने प्रशिक्षण का लाभ लेते हुए इस दिशा में जरूर आगे बढ़े। इसके पूर्व उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अजय कुमार वर्मा, अधिष्ठाता, स्वामी विवेकानंद कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग एवं टेक्नोलॉजी, इं.गां.कृ.वि. उपस्थित थे. इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. गौतम रॉय ने अपने उदबोधन में कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर में चल रही मछली पालन की विभिन्न गतिविधियों के बारे में विस्तार से अवगत कराया. प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. एस. सासमल ने अपने उद्बोधन में तीन दिवसीय प्रशिक्षण की रूपरेखा की विस्तृत जानकारी दी. इस दौरान ‘मिश्रित मत्स्य पालन पद्धति’ विषय पर तैयार तकनीकी बुलेटिन का विमोचन किया गया।मुख्य अतिथि डॉ. वर्मा ने कहा कि सिर्फ भारत से ही नही बल्कि विदेशों से भी प्रशिक्षणार्थी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, कृषि विज्ञान केन्द्र, रायपुर में प्रशिक्षण लेने के लिए आए हैं, यह गर्व की बात है. इस प्रशिक्षण के उद्घाटन सत्र के बाद दो सत्रों में मिश्रित मत्स्य पालन पद्धति विषय पर डॉ. एस. आर गौर, प्राध्यापक एवं तोषण कुमार ठाकुर, ने विस्तृत जानकारी दी।प्रशिक्षण के दूसरे दिन डॉ. एस. सासमल एवं डॉ. अंकित ठाकुर ने मिश्रित मछली पालन के प्रायोगिक पहलुओं पर प्रक्षेत्र प्रशिक्षण दिया. इस कड़ी में तालाबों का चयन, मछली बीज संचयन, खाद प्रबंधन, प्राकृतिक भोजन उत्पादन आदि को प्रायोगिक रूप से प्रदर्शित किया गया. प्रशिक्षण के अंतिम दिवस में अमित वर्मा, मत्स्य निरीक्षक, मछली पालन विभाग,रायपुर ने मछली पालन में राज्य सरकार तथा केन्द्रीय सरकार के सब्सिडी स्कीमस् के बारे में विस्तृत जानकारी दी साथ ही साथ किसान कैसे सब्सिडी का लाभ उठा सकते है उसके बारें में भी जानकारी दी. डॉ. एस. सासमल ने मिश्रित मछली पालन पद्धति के शुद्ध आय-व्यय के बारे में जानकारी दी एवं समन्वित मछली पालन करके आपने आय को कैसे दोगुना किया जा सकता है इससे अवगत करवाया डॉ. एस. सासमल, प्रशिक्षण प्रभारी ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण के गतिविधियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा प्रशिक्षणार्थियों ने अपने अनुभव सभी के साथ साझा किए।
विनोद गुप्ता-आरंग



