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संत कबीर दास जी की 628वी जयंती-कबीरदास जी की जीवनी एवं संतो की महिमा पर हुई चर्चा..

संत कबीर दास जी की 628वी जयंती-कबीरदास जी की जीवनी एवं संतो की महिमा पर हुई चर्चा..

आरंग।अग्रसेन योगासन शाखा अग्रवाल पारा आरंग द्वारा आज ज्येष्ठ पूर्णिमा , विक्रम संवत 2082 को कबीरदास जी की 628 वीं जयंती मनाई गई । अग्रसेन योगासन शाखा अपने नित्य आसन , प्राणायाम , ध्यान योग एवं ध्वज प्रणाम के बाद मुख्य अतिथि मनमोहन गुप्ता एवं कार्यक्रम के अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता व्याख्याता द्वारा सदगुरुदेव कबीरदास जी , डॉ केशव बलीराम हेडगेवार , गुरुजी सदाशिव गोलवलकर की छाया चित्र पर पूजा अर्चना एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम प्रारंभ किया । मुख्य अतिथि मनमोहन गुप्ता ने अपने उद्बोधन में सतगुरुदेव कबीरदास जी की जीवनी एवं संतो की महिमा पर प्रकाश डाला । कार्यक्रम के अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि कबीरदास जी कवि , संत एवं समाज सुधारक थे जो समाज की विभिन्न कुरीतियों , पाखंडों का विरोध किया । अपने आप को पहचानने की बात कही। विनोद गुप्ता ने राम नाम की महिमा का उल्लेख करते हुए कहा कि इस युग में राम नाम जप से बड़ा कोई नही । दीपक गुरुगोश्वामि ने कहा कि कबीर जी निर्गुण उपासक थे 16 वर्ष की आयु में उन्हें आत्मज्ञान प्राप्त हुआ । बिना गुरु के जीवन व्यर्थं है ऐसा जानकर रामानन्द जी महाराज को गुरु बनाया । शंकर पाल ने कहा कि गुरुनानक देव जी भी कबीर दास जी से आत्मज्ञान प्राप्त किया ,हालांकि वे परमात्मा को अपना गुरु मानते थे लेकिन गुरुग्रन्थ साहेब में अनेक कबीर के दोहे मिलते है जिससे यह पता चलता है कि गुरुनानक देव भी कबीर दास जी के अनन्य भक्त थे ।

मुरारी लोधी ने कबीरदास जी की व्यंग्य वाक्य पर कहा कि मात्र स्नान करने से कुछ नहीं होता यदि हमारा मन साफ नहीं है। जैसे मछली जल में रहती है , उसको साफ करने पर भी बदबू आती है , इसलिए मन को निरंतर साफ रखो , परमात्मा को याद करो । अमिताभ अग्रवाल द्वारा सुभाषित एवं शिव गुप्ता द्वारा अमृत वचन का वाचन किया गया ।इस अवसर पर बृजेश अग्रवाल , रविन्द्र अग्रवाल अभिनेष अग्रवाल , अक्षय अग्रवाल होरी लाल गुप्ता, ओम गुप्ता , बलराम साहू , खोरबाहरा साहू , गोपाल पाल , विनय पटेल , रामकुमार कंसारी आदि उपस्थित थे ।कार्यक्रम का संचालन एवं आभार व्यक्त अशोक कुमार ठाकुर द्वारा किया गया ।
विनोद गुप्ता-आरंग

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