माँ चंडी मंदिर आरंग-महिषासुर मर्दिनी माँ दुर्गा के रुप में विराजमान माँ चंडी करती है सबकी मनोकामना पूरी

आरंग।आरंग के बागेश्वर पारा में स्थित गुप्ता समाज आरंग द्वारा संचालित आदिशक्ति श्री माँ चंडी मंदिर में प्रति वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी शरदीय नवरात्र पर्व को बहुत ही हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है। इस वर्ष यहां 81 मनोकामना ज्योत प्रज्वलित किया गया है। नवरात्र में पंचमी 07 अक्टूबर सोमवार को माता जी की भव्य महाआरती कर छप्पनभोग लगाया जायेगा।मंदिर में नवरात्री के अवसर पर विशेष पूजा,पाठ, सिद्धि अनुष्ठान भी किया जाता है तथा मंदिर के पुजारी पं. मोहित तिवारी के द्वारा अलग -अलग स्वरूप में माता जी का श्रृंगार किया जाता है।

आपको बता दे की यहॉ विराजित माँ चंडी की महिमा निराली है। यहां वर्ष भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। जन आस्था है माता के दर पर जो भी श्रद्धालु पहुंचते हैं माता चंडी उनकी कामना अवश्य पूरा करती है। गर्भगृह में विराजमान माता की प्रतिमा काले पत्थरों से निर्मित महिषासुर मर्दिनी दुर्गा रुप में है। साथ में उनके दाहिने ओर महालक्ष्मी व बाएं में मां सरस्वती है। तीनों प्रतिमाएं एक ही शिला में निर्मित है। माता महिषासुर मर्दिनी की प्रतिमा अष्टभुजीय है। जो हांथो में त्रिशूल, तलवार, खप्पर, ढाल, गदा, शंख व कमल फूल धारण की हुई है। वहीं मंदिर के मंडप में बाएं ओर काले पत्थरों से निर्मित माता चंडी व दाहिने ओर जैन तीथंकर की प्राचीन प्रतिमा विद्यमान हैं। मंदिर के मंडप में ही दाएं व बाएं दोनों ओर भगवान विष्णु की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। पश्चिमोन्मुखी यह मंदिर प्राचीन पाषाण से निर्मित है। जहां दोनो ही नवरात्र में सप्तमी को कालरात्रि काली के रूप में माता का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है। मंदिर परिसर में ही एक बहुत पुरानी कुंआ है जिसमें वर्ष भर जल भरा रहता है। वर्तमान में इस मंदिर का संचालन नवयुवक कसौंधन वैश्य गुप्ता समाज के अंतर्गत आदिशक्ति श्री मां चंडी मंदिर समिति की देखरेख में किया जा रहा है। चैत्र व कुंवार दोनों ही नवरात्रि में यहां मनोकामना ज्योति प्रज्वलित की जाती है। इस नवरात्रि में 81 मनोकामना ज्योति प्रज्ज्वलित हो रही है।
विनोद गुप्ता-आरंग

