
आज महाशिवरात्री है और आज का दिन शिव भक्तो के लिए बेहद खास होता है, लोग इसका पूरे साल भर इंतजार करते हैं. महाशिवरात्रि के दिन हर कोई मंदिर जाकर भोलेनाथ को जल चढ़ाता है और विधिवत उनकी पूजा-अर्चना करता है. शिव भक्तों के लिए ये दिन बेहद खास होता है. मंत्रोच्चारण और रुद्र अभिषेक का भी इस दिन महत्व होता है. लेकिन शिवरात्रि के दिन अगर आप भोलेनाथ के दर्शन करने के लिए मंदिर नहीं जा पा रहे तो आप घर पर भी भोलेनाथ की विधिवत पूजा कर सकते है.
महाशिवरात्री के दिन चारों पहर में पूजा करने का विशेष महत्व होता है. चार पहर का अर्थ है सूर्यअस्त के बाद का समय और सूर्य उदय से पहले का समय. इस समय में भोलेनाथ की आराधना करने से भोलेनाथ अतिशीर्घ प्रसन्न हो जाते हैं. चार पहर जिस में भोलेनाथ की आराधना करें वो इस प्रकार हैं. शाम 6 से 9 बजे तक पहला पहर, रात 9 से 12 बजे तक दूसरा पहर, रात 12 बजे से 3 बजे तक तीसरा पहर और 3 बजे से सुबह 6 बजे तक चौथा पहर.
घर पर ऐसे करें शिवरात्रि की पूजा
- शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी स्नानादि कर निवृत्त हो जाएं.
- घर के मंदिर में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें.
- पूजा करते समय याद रखें कि आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए.
- ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें.
- शिवरात्रि के दिन आप पूरे दिन का व्रत भी रख सकते है.
- इस दिन व्रत निराहार ही रखें, पूरेदिन में आप केवल दूध, फल या जूस का सेवन कर सकते हैं.
- शाम के समय वापस स्नानादि करने के बाद घर के मंदिर में भोलेनाथ और शिवलिंग की पूजा करें.
- पूजा की शुरुआत गणेश जी से करें और उसके बाद शिव जी का पूजन शुरू करें.
- याद रहें ये पूजा 4 पहर के समय ही करें.
- भोलेनाथ को फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से शिवजी की पूजा करनी चाहिए.
- शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा सबको एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक करना चाहिए.
- आखिर में भोलेनाथ के इन आठ नामों भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान को लेकर फूल अर्पित करें, साथ ही शिव जी की आरती और परिक्रमा करें.