
अन्नदाताओं को उनकी उपज का मिलेगा अधिकतम मूल्य, छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन का निर्णय सराहनीय : योगेश्वर
महासमुंद। शुक्रवार को मुखमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा ने कैबिनेट के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि कैबिनेट द्वारा छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी अधिनियम में संशोधन का निर्णय लिया गया है। इससे राज्य के अन्नदाताओं को उनकी उपज का अधिकतम मूल्य प्राप्त होगा। आगे कहा कि अधिनियम में संशोधन होने से अन्य प्रदेश के मंडी बोर्ड अथवा समिति के एकल पंजीयन अथवा अनुज्ञप्तिधारी, व्यापारी एवं प्रसंस्करणकर्ता भारत सरकार द्वारा संचालित ई-नाम पोर्टल (राष्ट्रीय कृषि बाजार) के माध्यम से अधिसूचित कृषि उपज की खरीदी-बिक्री बिना पंजीयन के कर सकेंगे। इससे छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों और विक्रेताओं को अधिकतम मूल्य मिल पाएगा। साथ ही कृषक कल्याणकारी गतिविधियों के लिए मंडी बोर्ड अपनी सकल वार्षिक आय की 10 प्रतिशत राशि छत्तीसगढ़ राज्य कृषक कल्याण निधि में जमा करेगा। इस निधि का उपयोग नियमों में शामिल प्रयोजनों के लिए किया जा सकेगा।
इसके अलावा छत्तीसगढ़ राज्य के नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के आबंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन और भूमि स्वामी को हक प्रदान करने के संबंध में महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए इस संबंध में पूर्व में जारी निर्देश और परिपत्रों को निरस्त किया गया है। इन प्रपत्रों के अंतर्गत जारी आदेशों के तहत आबंटित भूमि की जानकारी राजस्व विभाग की वेबसाइट में प्रदर्शित की जाएगी और इस विषय में कोई भी आपत्ति और शिकायत प्राप्त होने पर संभागीय आयुक्त द्वारा इसकी सुनवाई की जाएगी।
मोवा बाजार चौक अब शहीद भरत लाल साहू चौक
बीते बुधवार बीजापुर जिले के मंडीमरका के जंगल में सर्चिंग के दौरान आईईडी ब्लास्ट की चपेट में आने से शहीद हुए जवान भरत लाल साहू की स्मृति को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हमारी सरकार ने त्वरित निर्णय लेते हुए राजधानी रायपुर के मोवा बाजार चौक का नामकरण शहीद भरत लाल साहू चौक करने का फैसला किया है।
अन्य फैसले भी लिए गए
छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर (संशोधन) विधेयक-2024 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ माल और सेवा कर अधिनियम 2017 में भी तद्नुसार संशोधन किया जाना प्रस्तावित किया गया है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग का 22वां वार्षिक प्रतिवेदन (01 अप्रैल 2022 से 31 मार्च 2023 तक की अवधि के लिए) विधानसभा के पटल पर रखे जाने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को अधिकृत किया गया है।